दूर जा रहे हैं वो हमसे , कि किसी को वादा कर दिया,
.....पहले ही तन्हाईयां कम ना थी ....जो तुमने फिर से तन्हा कर दिया,...
हमको तेरी यादों का नही..... तेरा साथ चाहिए.......
.......अगर यकीन ना हो तो बीता वक़्त याद फरमाइए....
जब हमारी नज़रें तुमको उस भीड़ में ढूँढा करती थी....
......तुम भी सब को भूल कर हमारे पास आ जाया करते थे.....
वो वक़्त कितना अजीब था ...जब तू मेरे करीब था.....
....तब ना हमने कुछ कहाथा , ना तुमने कुछ समझा था.......
आज जान करभी सब कुछ ...तुम चले ही जाओगे ...
.....हमको फिर ख्वाबों से निकाल कर....तन्हा कर जाओगे.....
पर शायद दूर जाकर तुम हमको भूल जाओगे...
.......पर दावा है हमारा कि...इतनी आसानी से हमको ना भुला पाओगे...
इंतज़ार तेरा हमेशा रहेगा हमको.....
.....जब भी आओगे वापस...हमको यहीं खड़ा पाओगे.........साहिल
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
badhiyaa likhaa sahil bhai...
ReplyDeletelikhte rahein...
beautiful poem............very touchy.....chhu liya dost !! really a nice poem
ReplyDelete