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Sunday, February 22, 2009

muhabbat

एक प्यारा सा एहसास है मुहब्बत, दिल के ज़ज्बात हैं मुहब्बत,
....कर के देख ए ज़ालिम, एक हसीन ख्वाब है ये मुहब्बत,
खुद को खो कर किसी को पाना है मुहब्बत,
..........किसी के ख्वाबों को अपनी यादों में बसाना है मुहब्बत,

दो दिलों का एक हो जाना है मुहब्बत ,
......किसी को पाक दिल से चाहना है मुहब्बत,
ख्वाब अपने हैं, पर उन ख्वाबों में उसका आना है मुहब्बत,
.....कभी कभी कुछ हार कर उसका साथ पाना है मुहब्बत,

उसके दूर जाने के एहसास से दिल का मचल जाना है मुहब्बत,
.....उसके हर एहसास को अपना बनाना है मुहब्बत,
हर उलफत में दवा बने , वो सहारा है मुहब्बत,
......जो इस साहिल को लिखने पे मजबूर करे........वो ज़िंदा एहसास है मुहब्बत.......(साहिल)

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