उसको तो अफ़सोस भी नही तुझसे बि
मत कराए इंतज़ार इतना कि ....
आप आए और हम खामोश हो जाएँ.....
इस बेदर्द दुनियाँ में हर किसी
किसी को कहीं जाने का ...तो कि
किसी को कुछ पाने का ..तो किसी
इंतज़ार ....इंतज़ार...और बस इं
धरती का प्यासा इंतज़ार तो ये ब
इक अरसे की तड़पन को इन बूँदों
इन तितलियों का इंतज़ार तो ये फ
पर उसकी ज़िंदगी का इंतज़ार बस
एक छोटा बcचे को जल्दी बड़े हो
और यहाँ बड़े होकर भी बcचे की त
......जब भी यहाँ बैठे बैठे उस
तब ख्याल आता है कि...क्या उस प
इंतज़ार.....इंतज़ार...और बस इं
कभी कभी ये इंतज़ार भी सपना लगत
इसको पूरा करना भी एक इंतज़ार ह
अपने सपनो में सभी खोए हैं ऐसे
कि सपने में सपना आना भी एक इं
इंतज़ार .....इंतज़ार....और बस
विपुल(साहिल)
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