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Sunday, February 22, 2009

मिजाज़-ऐ-साहिल

1) उनकी नज़रों ने मदहोश ...और मुस्कान ने मस्ताना किया......
...हम तो उनको अपना मान ही बैठे थे......शुक्र-ऐ-खुदा ..
........उन्होंने आशोब(confusion) से हमको बचा लिया.....साहिल


2) हमारे मिजाज़ को ऐ दोस्त पैमाने से न मापना ....
.....हमारा मिजाज़ तो खुद साकी भी न समझ पाया...
पिलाते पिलाते ...खुद कमबख्त दिल से लड़खड़ा गया....
....खुद तो डूबा .....हमको भी इश्क के नशे में डूबा गया....


3) तेरी रूश्वाई को भी सीने से लगाया है....तेरी हर नज़्म को होठों से लगाया है,....
...लोग कहते हैं की साहिल दीवाना है...बता दे उन दुनिया वालो को ...
.........भला साहिल की दीवानगी का भी कोई पैमाना है????


4) मजबूर तुम भी हो मजबूर हम भी हैं.....
फर्क सिर्फ इतना है कि..तुम दिल से तो हम हालात से मजबूर हैं...
तुम हँस कर भी रोते हो...हमे तो रोकर भी हँसना पड़ता है....

न जाने जिंदगी ने हमारे रस्ते हो कहाँ को मोडा है....
तभी तो सारा फैसला हमने वक़्त पर कर छोडा है..... .साहिल

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